साइनोसाइटिस क्या है? Sinusitis Ke Lakshan - Sinus Ka Gharelu Ilaj
दोस्तों आज हम Internet Uncle पर साइनस के बारे बताएँगे की साइनस (साइनोसाइटिस) क्यों और कैसे होता है? Sinusitis Ke Lakshan - Symptoms of sinusitis क्या होते हैं, Sinus Ka Gharelu Ilaj, और साइनस के मुख्य कारण क्या हैं ? What is Sinusitis and 'Symptoms of sinusitis'. और साइनस बिमारी को हम कैसे ठीक कर सकते.क्या आपको या आपके घर में किसी को हमेशा जुखाम रहता है? नाक अक्सर बंद रहती है आँखों के नीचे भारी भारी सा लगता है? या अक्सर सर में दर्द और गले में खराश रहती है? बहुत ज्यादा सम्भावना है की आपको साइनस की प्रॉब्लम है. और ये Sinusitis Ke Lakshan है, अगर समय पर इसे नहीं रोका तो बहुत बड़ी समस्या हो सकती है.
साइनस (साइनोसाइटिस) एक ऐसी बीमारी है जो आजकल बहुत ही कॉमन होती जा रही है. आज भारत में करोड़ों की तादात में इसके मरीज देखें जा रहे हैं, जिसका मुख्य कारण वातावरण में प्रदूषण का बढ़ना है.
साइनस या साइनोसाइटिस क्या है ? Sinus kya hai?
हमारी नाक की हड्डियों के बीच में कुछ खाली स्पेस होते हैं जहाँ से सांस लेते समय हवा पास होती है उन खाली स्थानों को साईनिसिस (Sinuses) कहते हैं. जब इसमें किसी प्रकार का अवरोध आ जाए वहां सूजन आ जाये तो उसे साइनस या साइनोसाइटिस कहते हैं. या कह सकते हैं की “Inflammation of Sinuses is called Sinusitis. अब जान लेते हैं की ये इन्फ्लामेशन होती क्यों है?आम तौर ये देखा जाता है की सईनिसिस के आस पास म्यूकस उपस्थित होता है, लेकिन जब ये म्यूकस अधिक मात्रा में बनने लगे और अधिक मात्रा में वहां जमा हो जाए तो सईनिसिस के जो बोन्स, हड्डियाँ हैं उनके ऊपर वो म्यूकस जम जाता है और सूख जाता है, इसके कारण सईनिसिस की हड्डियों में इन्फ्लामेशन हो जाता है जिसको कहते है नाक की हड्डी का बढ़ना.
साइनस (साइनोसाइटिस) के मुख्य लक्षण - "Symptoms Of Sinusitis".
साइनस (साइनोसाइटिस) के मरीज को सबसे ज्यादा जो दिक्कत होती है वो है ड्राईनेस की. मरीज की जो नेज़ल कैविटी है वो एकदम से ड्राई हो जाती है जिसकी वजह से सर दर्द, जुखाम, आँखों में पानी आना, थकान, सांस लेने में दिक्कत आदि समस्या हो जाती है.
Sinus Ka Gharelu Ilaj - Sinus treatment in Ayurveda or sinus infection home remedy
साइनस (साइनोसाइटिस) एक ऐसी समस्या है जिसका मेडिकल फील्ड में भी कोई पक्का इलाज नहीं है. क्योंकि अगर आप इसकी सर्जरी भी कराएँगे तो भी आप इससे पूरी तरह से छुटकारा नहीं पा सकते हैं, हम सिर्फ साइनस (साइनोसाइटिस) के लक्षणों को कम कर सकते हैं लेकिन उसे पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते.साइनस (साइनोसाइटिस) के मरीज के सभी लक्षणों को आयुर्वेद की मदद से ख़त्म कर सकते हैं. तो चलिए समझते हैं की साइनस, साइनोसाइटिस क्या होता है? और हम इसको कैसे कम सकते हैं?
साइनोसाइटिस के लक्षणों से कैसे बचें या साइनोसाइटिस से कैसे बचें – Sinus Ka Gharelu Ilaj
1. साइनस (साइनोसाइटिस) की प्रॉब्लम होने का मुख्य कारण है धूल और एलर्जी, अगर आपके घर में कोई साइनस (साइनोसाइटिस) का पेशेंट है या आप खुद भी हैं तो हमेशा अपने घर में धूल को न होने दें, हमेशा अपने घर को साफ़ और क्लीन रखें.2. जो हम लोग फ्रेगरेंस यूज़ करते हैं जैसे दूब बत्ती, परफ्यूम, Deo, बॉडी स्प्रे, रूम एयर स्प्रे इन सब से साइनस (साइनोसाइटिस) पेशेंट को दूर रहना चाहिए.
3. हमेशा अपना घर वेंटीलेटड रखना चाहिए जिससे ताज़ी हवा अन्दर और बहार जा सके.
4. साइनस (साइनोसाइटिस) के पेशेंट को स्मोकिंग यानि धूम्रपान से दूर रहना चाहिए, शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
5. साइनस (साइनोसाइटिस) के पेशेंट को फास्टफूड और जंक फूड नहीं खाना चाहिए.
हम साइनस (साइनोसाइटिस) लक्षणों को घरेलू उपचार कर के कैसे कम कर सकते हैं? Sinus Ka Gharelu Ilaj -
1. साइनस (साइनोसाइटिस) को कम करने के लिए सबसे इम्पोर्टेन्ट है की अपनी नेज़ल कैविटी को में नमी बनाये रखना जितनी वो मोइस्ट रहेगी उतनी ही मरीज को तकलीफे कम रहेंगी. इसके लिए पानी ज्यादा पियें या तरल पदार्थ जैसे फलों का जूस दिन भर में लेते रहिये.2. हमेशा ध्यान रखिये की साइनस (साइनोसाइटिस) के Patient पेशेंट को अपनी स्किन और अपने नेज़ल एरिया को हमेशा नम चाहिए. इसके लिए या तो पेशेंट भाप ले या तो हर दो तीन घंटे में गर्म पानी से गरारा यानि शेक करते रहना चाहिए.
3. गर्म पानी से भीगा हुआ एक कपड़ा लीजिये या जो गरम गर्म पानी की थैली होती है उसे नाक के दोनों साइड पर रखकर सेकें. इससे बलगम ढीला होगा और सर दर्द में आराम मिलगा.
4. गुनगुने पानी में नमक डालकर घोल तैयार कर लें और साइनस (साइनोसाइटिस) के पेशेंट को अपनी नाक में डालना चाहिए. या मार्केट में सलाईन ड्राप मिलता है उसे हर तीन से चार घंटे में डालते रहिये. नमक की वजह से साइनस (साइनोसाइटिस) में इन्फेक्शन ख़तम होता है.
5. गर्म पानी में नीलगिरी के तेल (eucalyptus oil) की कुछ बूंदे डालें और इसको सूंघने से साइनस (साइनोसाइटिस) के पेशेंट को बहुत फायदा होता है.
6. साइनस (साइनोसाइटिस) के पेशेंट को प्याज और लहसुन से बहुत फायदा होता है. प्याज और लहसुन को कई तरह से यूज़ कर सकते हैं.
7. जब आप भाप लें तब पानी में प्याज और लहसुन के कुछ टुकड़े डाल दें इससे साइनस (साइनोसाइटिस) में सर दर्द की समस्या ठीक हो जाती है और दूसरे लक्षण भी कम हो जाते हैं.
8. गरम सूप के अन्दर भी आप प्याज और लहसुन का उपयोग कर सकते हैं. किसी भी तरह का सूप हो चाहे टोमेटो सूप, वेजिटेबल सूप, और चाहें नॉनवेज सूप हो आप ज्यादा क्वांटिटी प्याज और लहसुन की डालकर साइनस (साइनोसाइटिस) के पेशेंट को दे सकते हैं.
9. प्याज का रस निकाल कर दोनों नोस्ट्रिल पर लगाने से जब पेशेंट सांस लेगा तो उसको बहुत ही आराम मिलेगा.
Friends आशा करते है साइनोसाइटिस को लेकर आपके सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा जैसे साइनोसाइटिस क्या है और इसके क्या लक्षण हैं? What is Sinusitis and Symptoms of sinusitis. और आपको Sinus Ka Gharelu Ilaj भी पता चल गया होगा आशा करता हूँ इससे आपको मदद मिलेगी. दोस्तों इसके अलावा साइनोसाइटिस के पेशेंट को कुछ चीज़ें रेगुलर वे में करनी चाहिए.
पेशेंट को अगर Symptom नहीं भी आ रहें हैं तब भी हर रोज़ भाप लें, रात को गरम पानी में थोड़ा सा नमक डालकर Gargles या गरारा करें, ताकि आपको साइनोसाइटिस बढ़े नहीं और आप इन्फेक्शन से दूर रहें.
घर को साफ़ सुथरा रखें, जहाँ पर भी आपको धूल, धुआं दिखाई दे वहां पर न रुकें, स्मोकिंग से दूर रहिये, ड्रिंकिंग से दूर रहिये और साइनस (साइनोसाइटिस) के लक्षणों से बचिए और स्वस्थ रहिये.