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रोज कितने घंटे सोना चाहिए? विशेषज्ञों के अनुसार हमे कितने घंटे की नींद लेना चाहिए?

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रोज कितने घंटे सोना चाहिए? विशेषज्ञों के अनुसार हमे कितने घंटे की नींद लेना चाहिए?

रोज कितने घंटे सोना चाहिए? विशेषज्ञों के अनुसार हमे कितने घंटे की नींद लेना चाहिए?


दोस्तों आज का हमारा टॉपिक है कि रोज कितने घंटे सोना चाहिये? दोस्तों आपको जानकार हैरानी होगी की पूरी दुनिया इस वक्त नींद की कमी से जूझ रही है. कुदरत की तरफ से दी गई ये सहूलियत अब लग्ज़री बनती जा रही है. 

अगर आप 8 से 9 घंटे की नींद ले रहे हैं तो आप दुनिया के सबसे खुशकिस्मत लोगो में से एक हैं. लेकिन हमें यकीन है की आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्हें पूरी नींद नहीं मिल पा रही होगी.

नींद की कमी से संघर्ष कर रहे लोगो को हमारा ये पोस्ट पूरा जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि हम इस पोस्ट में बताएँगे की आपको रोज कितने घंटे सोना चाहिये? विशेषज्ञों के अनुसार हमे कितने घंटे की नींद लेना चाहिए? कम सोने से हमें किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, या कम सोने से क्या नुकसान होते हैं? और अच्छी नींद लेने के क्या उपाय हैं.

दोस्तों बहुत कम या बहुत अधिक कम नींद के स्वास्थ्य पर परिणामों के मद्देनजरशोधकर्ता और विशेषज्ञ हमें यह बताते है की हमें हर उम्र के हिसाब से कितना सोना आवश्यक है. 


विशेषज्ञों के अनुसार हमे कितने घंटे की नींद लेना चाहिए या हमें कितने घंटे सोना चाहिए इसका पूर्ण विवरण हमने नीचे दिया है वो इस प्रकार है -  

(1). 3 महीने तक के नवजात शिशुओ को 14 से 17 घंटे की नींद प्रतिदिन लेनी चाहिये.


(2). शोधकर्ताओं के अनुसार 4 से 11 महीने के शिशुओ को 12 से 15 घंटे की नींद प्रतिदिन लेनी चाहिए.


(3). 1 से 2 साल के बच्चों के लिए रोज 13 से 16 घंटे की नींद आवश्यक होती है.


    (4). जबकि 3 से 5 साल के बच्चों के लिए 11 से 13 घंटे की नींद लेने की सलाह दी गई है।

    (5). विशेषज्ञों के अनुसार माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके स्कूल जाने वाले 6 से 13 साल के बच्चे रोज 9 घंटे से कम न सोएं. स्कूल जाने वाले बच्चो को 11 घंटे की सबसे अच्छी नींद आती है.

    (6). 14 से 17 वर्ष की आयु के किशोरों को कम से कम 8 से 10 घंटे सोना चाहिए, वयस्कों को रोजाना 7 से 9 घंटे सोना चाहिए।


    कम सोने के नुकसान - पूरी नींद नहीं लेने से होने वाली परेशानियाँ

    (1). नींद की कमी के कारण आपको उच्च रक्त चाप की समस्या हो सकती है. कम नींद के कारण शरीर और दिमाग पर दबाव पड़ता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और धीरे धीरे ये ब्लड प्रेशर आपके दिल किडनी और धमनी को नुकसान पहुचता है.

    (2). जो लोग 6 घंटे या इससे कम सोते है उनमे ह्रदय रोग या मधुमेह होने की सम्भावना बढ़ जाती है.

    (3). पर्याप्त मात्रा में नींद न मिलने के कारण व्यक्ति शारीरिक और मानसिक थकावट का शिकार होने लगता है, थकान के कारण लोगो में नकारात्मक भावनाएं तेज़ी से आती हैं, मन में बुरे ख्याल आने लगते हैं, किसी काम में मन नहीं लगता और पूरा मानसिक स्वास्थ्य ख़राब हो जाता है.

    (4). कम सोने के कारण तनाव निर्माण हो जाता है, तनाव का असर आपकी प्रजनन क्षमता पर पड़ता है. प्रजनन क्षमता में कमी आ जाती है और जिसके कारण नपुंसकता भी आ सकती है.

      (5). कम नींद के कारण तनाव के साथ ही डिप्रेसन का खतरा बढ़ जाता है और बहुत ही कम उम्र के लोग भी डिप्रेसन का शिकार हो जाते हैं.

      (6). नींद की कमी के कारण त्वचा को स्वस्थ रखने वाले हार्मोन्स में कमी आने लगती है जिसकी वजह से त्वचा पर झुर्री आने लगती है. और आप समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगते हैं.

        (7). नींद की कमी के कारण पाचन तंत्र में गड़बड़ी आ जाती है सुबह पेट अच्छे से साफ़ नहीं हो पाता. पेट में गैस बनने लगती है जिसके कारण लोगो को पेट से जुड़ी कई बिमारियों का सामना करना पड़ता है.  


          अच्छी नींद कैसे लें ? गहरी नींद के सबसे आसान उपाय :-


          (1). रात का खाना खाने के बादपंद्रह से बीस मिनट धीमी गति से चलने के बाद बिस्तर पर जाने की आदत बनाएं। इसके अलावाअच्छी नींद के अलावा पाचन तंत्र भी ठीक रहता है।


            (2). अगर आपको तनाव के कारण नींद नहीं आ रही है या आपके मन में घबराहट हैतो अपने पसंदीदा संगीत को सुनें या अच्छे साहित्य या स्वास्थ्य से संबंधित किताबें पढ़ेंऐसा करने से आपके मन को शांति मिलेगीजो नींद में काफी गहरी होगी मददगार है।


              (3). अपने हिसाब से बिस्तर चुनें और उसी मुद्रा में सोने की कोशिश करें जिसमें आप आराम से सो सकें। अगम्य मुद्रा में सोने से शरीर की थकान बनी रहती हैजिससे नींद में बाधा आती है।


                (4). अनिद्रा के रोगी को अपने हाथों और पैरों को साफ पानी से धोना चाहिए और बिस्तर पर जाना चाहिए। सोना मुश्किल नहीं होगा। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि सोने के लिए बाजार में सुगंधित तेलों का उपयोग न करेंअन्यथा यह आपकी आदत में शामिल होगा।


                  (5). पूरे दिन की घटनाओं को भूल जाएं। अगले दिन के कार्यक्रम के बारे में भी नहीं सोचा। सुबह तक सभी चीजें छोड़ दें। दिनचर्या के बारे में सोचने से मस्तिष्क में तनाव पैदा होता हैजिससे नींद नहीं आती है।


                    (6). यदि अनिद्रा की समस्या पुरानी और गंभीर हैनींद की गोलियों को खाने की आदत हैतो एक योग चिकित्सक की सलाह से श्वास का अभ्यास करेंऔर रात में सोते समय साँस लें। यह पूरे शरीर की मांसपेशियों को तनाव देता है और मस्तिष्क को आराम देता हैजिससे नींद आसान होती है।

                    (7). अच्छी नींद के लिए कमरे में हवादार होना भी आवश्यक है। अगर मौसम सोने के लिए बाहर हैतो छत या बाहर सोना पसंद करें। यदि कमरे में बहुत अधिक शोरकूलर-पंखा या एयर कंडीशनर हैतो उन्हें भी मरम्मत की जानी चाहिएक्योंकि शोर मस्तिष्क को शोर पैदा करने से रोकता हैजो नींद में बाधा का कारण बनता है।


                      (8). सोने से पहले चाय-कॉफी या अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन न करें। यह मस्तिष्क की नसों को उत्तेजित करता हैजो गहरी नींद में बाधक हैं।

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