नौकरी चली जाए या नौकरी से निकाल दिया जाए तो क्या करें ? Naukri Ke Alava Career Option Kya Ho Sakte Hain?
दोस्तों यहाँ पर कुछ सच हैं जो आप जितनी जल्दी समझ जाएँ अच्छा है. पहला ये की जॉब सिक्यूरिटी जैसी कोई चीज़ नहीं रही दूसरा सिर्फ डिग्री या क्वालिफिकेशन से आप अपना और अपने परिवार का फ्यूचर सिक्योर नहीं कर सकते. इसलिए आज हम यह जानेंगे की नौकरी न मिले तो क्या करें? और Naukri Ke Alava Career Option Kya Ho Sakte Hain?
तीसरा जो कल डिमांड में था वो आने वाले कल में भी आपको नौकरी दिला पाए ये ज़रूरी नहीं. और चौथा हमें ही अपना भविष्य खुद बनाना है हम किसी के भरोसे नहीं बैठ सकते. तो इन बातों पर थोड़ा विस्तार से बात करते हैं. की 'नौकरी न मिले तो क्या करें ?
तीसरा जो कल डिमांड में था वो आने वाले कल में भी आपको नौकरी दिला पाए ये ज़रूरी नहीं. और चौथा हमें ही अपना भविष्य खुद बनाना है हम किसी के भरोसे नहीं बैठ सकते. तो इन बातों पर थोड़ा विस्तार से बात करते हैं. की 'नौकरी न मिले तो क्या करें ?
आपकी नौकरी सुरक्षित रहेगी ये ज़रूरी नहीं है.
हमारे पैरेंट्स की जनरेशन में लोग एक ही जगह सारी ज़िन्दगी काम करते थे जहाँ पर नौकरी की वहीँ से रिटायर भी होते थे.
सालों साल एक ही जगह काम भी करते थे और वहीँ से पेंशन भी लेते थे रिटायरमेंट के बाद. पर अब दुनिया बदल गई है जॉब सिक्यूरिटी या आपकी नौकरी सुरक्षित रहेगी ये ज़रूरी नहीं है.
गवर्नमेंट या सरकारी नौकरियां कम होती जा रही हैं या प्राइवेटाइजेशन निजीकरण की वजह से बच ही नहीं रही. ऐसे में जॉब फॉर लाइफ का जो कांसेप्ट है वो ख़तम ही होते जा रहा है.
सालों साल एक ही जगह काम भी करते थे और वहीँ से पेंशन भी लेते थे रिटायरमेंट के बाद. पर अब दुनिया बदल गई है जॉब सिक्यूरिटी या आपकी नौकरी सुरक्षित रहेगी ये ज़रूरी नहीं है.
गवर्नमेंट या सरकारी नौकरियां कम होती जा रही हैं या प्राइवेटाइजेशन निजीकरण की वजह से बच ही नहीं रही. ऐसे में जॉब फॉर लाइफ का जो कांसेप्ट है वो ख़तम ही होते जा रहा है.
लोग एक नौकरी से दूसरी नौकरी में जाते हैं और कुछ साल बाद फिर जॉब बदल लेते हैं. दूसरी तरफ जो कम्पनीज़ हैं जो संस्थाए हैं वो भी प्रॉफिट और लोस पर ज्यादा ध्यान देती हैं.
अगर उन्हें लोसेस हो रहे हैं तो फैक्ट्रीज बंद कर दी जाती हैं या ऑफिस में लोग कम कर दिए जाते हैं और नौकरियां चली जाती हैं, ये अब काफी आम सी बात हो गई है.
तो हर किसी को इस नयी रियलिटी को एक्सेप्ट कर लेना चाहिए, सच को एक्सेप्ट करना ही चाहिए. और ये एस्पेक्ट नहीं करना चाहिए की उन्हें जीवन भर कोई कंपनी या संस्था नौकरी देगी. और उनके परिवार का पालन उसी पैसे से होगा.
अगर उन्हें लोसेस हो रहे हैं तो फैक्ट्रीज बंद कर दी जाती हैं या ऑफिस में लोग कम कर दिए जाते हैं और नौकरियां चली जाती हैं, ये अब काफी आम सी बात हो गई है.
तो हर किसी को इस नयी रियलिटी को एक्सेप्ट कर लेना चाहिए, सच को एक्सेप्ट करना ही चाहिए. और ये एस्पेक्ट नहीं करना चाहिए की उन्हें जीवन भर कोई कंपनी या संस्था नौकरी देगी. और उनके परिवार का पालन उसी पैसे से होगा.
सिर्फ डिग्री या क्वालिफिकेशन से अपना फ्यूचर सिक्योर या सुरक्षित नहीं हो सकता.
कुछ सालों पहले ग्रेजुएट होना बहुत बड़ी बात थी, और लोग ग्रेजुएशन पूरी कर के नौकरी पा सकते थे. कई नौकरियों में सिर्फ 12वीं पास क्वालिफिकेशन की जरुरत होती थी और ग्रेजुएट होने पर आपको एज मिलता था और नौकरी मिलने में आसानी होती थी.
अब तो मैंने कई आर्टिकल्स में रिपोर्ट्स या न्यूज़ में पढ़ा है की मामूली से मामूली नौकरी के लिए भी मास्टर्स डिग्री और पीएचडी वाले कैंडिडेट्स अप्लाई कर रहे हैं.
तो सिर्फ एक डिग्री के सर्टिफिकेट्स से नौकरी मिलना बहुत ही मुश्किल हो गया है. डिग्री के बाद भी एंट्रेंस एग्जाम या प्रवेश परीक्षा होती है, इंटरव्यू , ग्रुप डिस्कशन वगैरा के बाद हजारों लोगों में से कुछ ही चुने जाते हैं. इस लिए आप जितनी जल्दी ये समझ लें अच्छा है की सिर्फ एक डिग्री के सर्टिफिकेट्स से नौकरी मिल पाना लगभग नामुमकिन है.
अब तो मैंने कई आर्टिकल्स में रिपोर्ट्स या न्यूज़ में पढ़ा है की मामूली से मामूली नौकरी के लिए भी मास्टर्स डिग्री और पीएचडी वाले कैंडिडेट्स अप्लाई कर रहे हैं.
तो सिर्फ एक डिग्री के सर्टिफिकेट्स से नौकरी मिलना बहुत ही मुश्किल हो गया है. डिग्री के बाद भी एंट्रेंस एग्जाम या प्रवेश परीक्षा होती है, इंटरव्यू , ग्रुप डिस्कशन वगैरा के बाद हजारों लोगों में से कुछ ही चुने जाते हैं. इस लिए आप जितनी जल्दी ये समझ लें अच्छा है की सिर्फ एक डिग्री के सर्टिफिकेट्स से नौकरी मिल पाना लगभग नामुमकिन है.
जो कल डिमांड में था वो जरुरी नहीं की आने वाले कल में भी डिमांड में हो.
यहाँ कुछ चीज़ें इतनी जल्दी बदलती हैं की जो कल डिमांड में था वो जरुरी नहीं की आने वाले कल में भी डिमांड में हो. टेलिकॉम कंपनियों का उदाहरण लेते हैं –
भारत में रिलायंस जिओ के आने के बाद जब जिओ ने डेटा और कालिंग सर्विस को इतने कम रेट्स में लोगो दिया तो मार्केट में पहले से मौजूद टेलिकॉम कम्पनीज़ घाटे में आ गई जिस वजह से वो कंपनियां बंद हो गईं और लाखों की तादात में एम्प्लोयी कर्मचारी बेरोजगार हो गए.
जो लोग मोबाइल रिचार्ज करते थे उनका काम बंद हो गया. मोबाइल आने से घड़ी का काम करने वाले बेरोजगार हो गये. और मेमोरी कार्ड के आने से CD और CD प्लेयर का काम करने वाले बेरोजगार हो गये.
कुछ नये सॉफ्टवेर के आने से पुराने सॉफ्टवेयर में जिनका एक्सपीरियंस था उनकी नौकरी खतरे में है और कोई बड़ी बात नहीं है की उनकी नौकरियां चली भी जाएँ.
भारत में रिलायंस जिओ के आने के बाद जब जिओ ने डेटा और कालिंग सर्विस को इतने कम रेट्स में लोगो दिया तो मार्केट में पहले से मौजूद टेलिकॉम कम्पनीज़ घाटे में आ गई जिस वजह से वो कंपनियां बंद हो गईं और लाखों की तादात में एम्प्लोयी कर्मचारी बेरोजगार हो गए.
जो लोग मोबाइल रिचार्ज करते थे उनका काम बंद हो गया. मोबाइल आने से घड़ी का काम करने वाले बेरोजगार हो गये. और मेमोरी कार्ड के आने से CD और CD प्लेयर का काम करने वाले बेरोजगार हो गये.
कुछ नये सॉफ्टवेर के आने से पुराने सॉफ्टवेयर में जिनका एक्सपीरियंस था उनकी नौकरी खतरे में है और कोई बड़ी बात नहीं है की उनकी नौकरियां चली भी जाएँ.
इसलिए हमें नयी स्किल्स नयी टेक्नोलॉजी या नये ट्रेंड्स पर हमेशा अपनी नज़र रखनी चाहिए ताकि हम कल के लिए तैयार हों. कहते हैं न चेंज इस कांस्टेंट बदलाव तो लगातार होना ही है.
इसलिए आप आज तैयारी कीजिये ताकि बदलती टेक्नोलॉजी के चलते ये नये सिस्टम की वजह से आपको नुकसान न हो बल्कि मै तो ये कहूँगी की नयी टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़िए अपनी नॉलेज बढाइये और जब नयी जॉब्स क्रिएट होंगी उसी टेक्नोलॉजी में तो आप तैयार होंगे.
आजकल इंटरनेट पर सभी तरह के सब्जेक्ट्स पर कोर्सेज और ट्रेनिंग अवेलेबल है जैसे की सॉफ्टवेयर, मार्केटिंग, डिज़ाइन, प्रोडक्ट, सब चीजों के बारे में आप ऑनलाइन ही सीख सकते हैं.
बहुत सारी वेबसाइट हैं जैसे युटेमी, कुर्सेरा, अडेक्स, लिंडा, और एलेसिन जो ऑनलाइन कोर्स कराती है और सर्टिफिकेट भी देती हैं तो अब आप ऑनलाइन सीख लीजिये और अपना भविष्य खुद ही सुरक्षित कर लीजिये.
इसलिए आप आज तैयारी कीजिये ताकि बदलती टेक्नोलॉजी के चलते ये नये सिस्टम की वजह से आपको नुकसान न हो बल्कि मै तो ये कहूँगी की नयी टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़िए अपनी नॉलेज बढाइये और जब नयी जॉब्स क्रिएट होंगी उसी टेक्नोलॉजी में तो आप तैयार होंगे.
आजकल इंटरनेट पर सभी तरह के सब्जेक्ट्स पर कोर्सेज और ट्रेनिंग अवेलेबल है जैसे की सॉफ्टवेयर, मार्केटिंग, डिज़ाइन, प्रोडक्ट, सब चीजों के बारे में आप ऑनलाइन ही सीख सकते हैं.
बहुत सारी वेबसाइट हैं जैसे युटेमी, कुर्सेरा, अडेक्स, लिंडा, और एलेसिन जो ऑनलाइन कोर्स कराती है और सर्टिफिकेट भी देती हैं तो अब आप ऑनलाइन सीख लीजिये और अपना भविष्य खुद ही सुरक्षित कर लीजिये.
हमें अपने टैलेंट और पैशन के हिसाब से अपना खुद का काम करना चाहिए.
आजकल कई न्यूज़ रिपोर्ट्स आती रहती हैं की ट्रेड यूनियन ने प्रोटेस्ट किया की उनकी नौकरियां खतरे में हैं. स्टूडेंट्स प्राइवेट कॉलेज से पासआउट होकर हताश होते हैं डिसअपोइनटेड होते हैं क्योंकि उन्हें नौकरी नहीं मिलती. मिलती है तो पैसे कम मिलते हैं और फिर भी जॉब सिक्यूरिटी नहीं नौकरी कभी भी जा सकती है.
सबसे पहले तो एक बात समझ लीजिये सरकार का काम लोगों को नौकरी दिलाना नहीं है आप अगर गवर्नमेंट से ये एस्पेक्ट कर रहें है तो ये गलत है.
किसी भी डेवलप्ड कंट्री या विकसित देश को देख लीजिये जैसे – यूएसऐ, यूके, यूऐई, जर्मनी, जापान वगैरा 70% से 80% जॉब स्माल बिज़नेसेज क्रिएट करते हैं मतलब 70% से 80% काम छोटे व्यापार से उत्पन्न होता है.
छोटे उद्योग में ही ज्यादा नौकरियां होती हैं और ज्यादा लोगों को काम करने का मौका मिलता है. हम हमेशा ये ही क्यों सोंचते हैं की अच्छी नौकरी मिल जाए बस फ्यूचर हमारा सिक्योर है. हम ये क्यों नहीं सोचते की हमें अपने टैलेंट और पैशन के हिसाब से अपना खुद का काम करना चाहिए. और जब ये बड़ा होगा तो हम दूसरे लोगों को भी नौकरी देंगे.
हर साल लाखों यूथ वर्कफोर्स में आते हैं, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में हर साल 20 मिलियन यानि 2 करोड़ लोग नये जुड़ जाते हैं उस संख्या में जो है एलिजिबल फॉर वर्क लेकिन क्या इतनी जॉब्स हैं. कौन उन्हें जॉब्स देगा क्या हम अपने स्कूल्स,कॉलेजेस या सरकार के भरोसे बैठे रहें की वो ही हमें तैयार करेंगे और फिर जीवन भर हमें और हमारे परिवार को नौकरी देंगे – नहीं अपना भविष्य खुद बनाना है हमें कल की तैयारी आज करनी चाहिए.
अगर आज इंटरनेट के होते कोई ये कहता है की उन्हें नहीं पाता की दुनियां में क्या हो रहा है तो गलत कहता है ABCD से लेकर इंग्लिश, मैथ्स, साइंस, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग कुछ भी ऑनलाइन सीखा जा सकता है, बस चाहिए तो थोड़ी लगन और मेहनत हाँ ये हो सकता है की घर में कंप्यूटर न हो तो आप साइबर कैफ़े जा सकते हैं.
हो सकता है की अच्छा पढ़ने वाले टीचर आपके स्कूल में या इंस्टिट्यूट में न हो या आपके स्कूल, इंस्टिट्यूट में साधन न हो लेकिन आप मोबाइल से इंटरनेट यूज़ करके सीख सकते हैं.
एक बार आपने ये स्किल्स डेवेलोप कर लिए तो आप अपनी वेबसाइट बना सकते हैं, मोबाइल एप या यूट्यूब चैनल बनाकर पैसे कम सकते हैं.
बस अंत में यही कहना चाहूँगा की दुनिया बहुत ही तेज़ी से आगे बढ़ रही है, या तो आप बैठ कर कम्पलेन कर सकते हैं की ये ठीक नहीं, सरकार को ये करना चाहिए, वो बेहतर क्यों नहीं, जॉब क्यों चली गई वगैरा वगैरा.
या फिर आप फ्यूचर रेडी हो सकते हैं, कल के लिए बिलकुल तैयार नौकरी पेशा, बेरोज़गार या स्टूडेंट्स से मेरा सुझाव यही है की जॉब सीकर की बजाये जॉब क्रिएटर बनिए.
किताबें पढ़िए अच्छी साइट्स और एप से अपना ज्ञान बढाइये यूट्यूब पर नॉलेज बढ़ाने वाले चैनल्स को सब्सक्राइब करिए और ये डिसाइड कर लीजिये की हम अपना फ्यूचर खुद बनायेंगे. हम किसी के भरोसे नहीं बैठ सकते और इस सवाल का जब हमारे पास होगा की नौकरी न मिले तो क्या करें ?
सबसे पहले तो एक बात समझ लीजिये सरकार का काम लोगों को नौकरी दिलाना नहीं है आप अगर गवर्नमेंट से ये एस्पेक्ट कर रहें है तो ये गलत है.
किसी भी डेवलप्ड कंट्री या विकसित देश को देख लीजिये जैसे – यूएसऐ, यूके, यूऐई, जर्मनी, जापान वगैरा 70% से 80% जॉब स्माल बिज़नेसेज क्रिएट करते हैं मतलब 70% से 80% काम छोटे व्यापार से उत्पन्न होता है.
छोटे उद्योग में ही ज्यादा नौकरियां होती हैं और ज्यादा लोगों को काम करने का मौका मिलता है. हम हमेशा ये ही क्यों सोंचते हैं की अच्छी नौकरी मिल जाए बस फ्यूचर हमारा सिक्योर है. हम ये क्यों नहीं सोचते की हमें अपने टैलेंट और पैशन के हिसाब से अपना खुद का काम करना चाहिए. और जब ये बड़ा होगा तो हम दूसरे लोगों को भी नौकरी देंगे.
हर साल लाखों यूथ वर्कफोर्स में आते हैं, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में हर साल 20 मिलियन यानि 2 करोड़ लोग नये जुड़ जाते हैं उस संख्या में जो है एलिजिबल फॉर वर्क लेकिन क्या इतनी जॉब्स हैं. कौन उन्हें जॉब्स देगा क्या हम अपने स्कूल्स,कॉलेजेस या सरकार के भरोसे बैठे रहें की वो ही हमें तैयार करेंगे और फिर जीवन भर हमें और हमारे परिवार को नौकरी देंगे – नहीं अपना भविष्य खुद बनाना है हमें कल की तैयारी आज करनी चाहिए.
अगर आज इंटरनेट के होते कोई ये कहता है की उन्हें नहीं पाता की दुनियां में क्या हो रहा है तो गलत कहता है ABCD से लेकर इंग्लिश, मैथ्स, साइंस, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग कुछ भी ऑनलाइन सीखा जा सकता है, बस चाहिए तो थोड़ी लगन और मेहनत हाँ ये हो सकता है की घर में कंप्यूटर न हो तो आप साइबर कैफ़े जा सकते हैं.
हो सकता है की अच्छा पढ़ने वाले टीचर आपके स्कूल में या इंस्टिट्यूट में न हो या आपके स्कूल, इंस्टिट्यूट में साधन न हो लेकिन आप मोबाइल से इंटरनेट यूज़ करके सीख सकते हैं.
एक बार आपने ये स्किल्स डेवेलोप कर लिए तो आप अपनी वेबसाइट बना सकते हैं, मोबाइल एप या यूट्यूब चैनल बनाकर पैसे कम सकते हैं.
फाइनल वर्ड्स
या फिर आप फ्यूचर रेडी हो सकते हैं, कल के लिए बिलकुल तैयार नौकरी पेशा, बेरोज़गार या स्टूडेंट्स से मेरा सुझाव यही है की जॉब सीकर की बजाये जॉब क्रिएटर बनिए.
किताबें पढ़िए अच्छी साइट्स और एप से अपना ज्ञान बढाइये यूट्यूब पर नॉलेज बढ़ाने वाले चैनल्स को सब्सक्राइब करिए और ये डिसाइड कर लीजिये की हम अपना फ्यूचर खुद बनायेंगे. हम किसी के भरोसे नहीं बैठ सकते और इस सवाल का जब हमारे पास होगा की नौकरी न मिले तो क्या करें ?